#astrology

॥ लक्ष्मी जी की आरती ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता ॥ दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता …

॥ लक्ष्मी जी की आरती ॥ Read More »

Loading

॥ महालक्ष्मी स्तुति ॥

मातर्नमामि कमले कमलायताक्षि, श्रीविष्णुहृत्कमलवासिनि विश्वमातः । क्षीरोदजे कमलकोमलगर्भगौरि, लक्ष्मि प्रसीद सततं नमतां शरण्ये ॥1॥ त्वं श्रीरूपेन्द्रसदने मदनैकमात, ज्योत्स्नासि चन्द्रमसि चन्द्रमनोहरास्ये । सूर्ये प्रभासि च जगत्त्रितये प्रभासि, लक्ष्मि प्रसीद सततं नमतां शरण्ये ॥2॥ त्वं जातवेदसि सदा दहनात्मशक्ति वैधास्त्वया जगदिदं विविधं विदध्यात् । विश्वम्भरोऽपि बिभृयादखिलं भवत्या, लक्ष्मि प्रसीद सततं नमतां शरण्ये ॥3॥ त्वत्यक्तमेतदमले हरते हरोऽपि, त्वं पासि हंसि विदधासि परावरासि …

॥ महालक्ष्मी स्तुति ॥ Read More »

Loading

॥ महालक्ष्मी अष्टकम ॥

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते । शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥1॥ नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि । सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥2॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि । सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥3॥ सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि । मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥4॥ आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि । योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥5॥ स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे ।  महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥6॥पद्मासनस्थिते …

॥ महालक्ष्मी अष्टकम ॥ Read More »

Loading

॥ श्री लक्ष्मी स्तोत्र / स्तोत्रम् ॥

सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः । देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः ॥1 ॥ [ इन्द्र उवाच ] नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् । श्रियमुनिद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥2॥ पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् । वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियामहम् ॥3॥ त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा सुधा त्वं लोकपावनी । सन्ध्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती ॥4॥ यज्ञविद्या महाविद्या गुह्यविद्या च शोभने । आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी ॥5॥ आन्वीक्षिकी त्रयी …

॥ श्री लक्ष्मी स्तोत्र / स्तोत्रम् ॥ Read More »

Loading

॥ श्री कनकधारा स्तोत्र ॥

अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती, भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् । अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला, माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥1॥ मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः, प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि । माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या, सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥2॥ विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्ष, मानन्दहेतुरधिकं मुरविद्विषोऽपि । ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्ध-, मिन्दीवरोदरसहोदरमिन्दिरायाः ॥3॥ आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्द -, मानन्दकन्दमनिमेषमनङ्गतन्त्रम ।आकेकरस्थितकनीनिकपक्ष्मनेत्रं, भूत्यै भवेन्मम भुजङ्गशयाङ्गनायाः ॥4॥ बाह्वन्तरे मधुजितः श्रितकौस्तुभे या, हारावलीव हरिनीलमयी विभाति । कामप्रदा भगवतोऽपि कटाक्षमाला, …

॥ श्री कनकधारा स्तोत्र ॥ Read More »

Loading

॥ श्रीसूक्त ॥

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् ।चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥2॥ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् । श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥3॥ कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रा, ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् । पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥4॥ चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् । तां पद्मिनीमीं शरणं प्रपद्ये, अलक्ष्मीमें नश्यतां …

॥ श्रीसूक्त ॥ Read More »

Loading

अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त 2024

Every achievement that a child attains for the first time is truly precious for their parents. The introduction of the first solid food, or the transition from liquid to solid food, is always a celebration and this celebration is called Annprashan Sanskar. This is often done by checking for an auspicious time (Muhurat) based on …

अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त 2024 Read More »

Loading

कालसर्प दोष कारण और निवारण

कालसर्प दोष व्यक्ति की कुंडली में एक ऐसा दोष है जो विशेषत: बनते हुए कामों में रुकावट पैदा करता है, ऐसे में कई बार व्यक्ति ख़ुद से यह सवाल करता है की मेरी ही कुंडली में ऐसा क्या खोट है जो निरंतर मेहनत के बावजूद भी मुझे कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है …

कालसर्प दोष कारण और निवारण Read More »

Loading

नवरात्र में आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां, जाने घट स्थापना शुभ मुहूर्त!

नवरात्रि माँ दुर्गा को समर्पित पर्व हैं, इन नौ दिनों के दौरान माँ के विभिन्न रूपों की आराधना करी जाती हैं। हमारी चेतना के अंदर तीनों प्रकार के गुण – सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के तालमेल के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन …

नवरात्र में आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां, जाने घट स्थापना शुभ मुहूर्त! Read More »

Loading

× Connect on WhatsApp