महाकुम्भ 2025: त्रिवेणी संगम पर आस्था और मोक्ष का संगम
धर्मशास्त्रों के अनुसार, मानव जीवन के चार दिव्य पुरुषार्थ—अर्थ (समृद्धि), धर्म (धर्मिता), काम (इच्छा) और मोक्ष (मुक्ति)—को सर्वोत्तम उद्देश्य माना गया है। जन्म-मृत्यु के 84 लाख चक्रों को पार करने के बाद, एक दुर्लभ मानव शरीर प्राप्त होता है। इस शरीर के साथ, व्यक्ति प्रभु की भक्ति कर मोक्ष प्राप्त कर सकता है, और जन्म-मृत्यु …
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