शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।। अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।। …