विष दोष: सरल ज्योतिष समाधान 

ज्योतिष में, शनि और चंद्रमा को विशेष ग्रह माना जाता है। जबकि शनि बहुत धीमे गति से चलता है और लगभग दो और आधे वर्ष में राशि बदलता है, तो चंद्रमा लगभग हर दो दिन में ही राशि बदल जाता है।

  • विष योग में क्या होता है?

जब कुंडली में शनि और चंद्रमा एक साथ आते हैं, तो वह एक विशेष प्रकार का योग बनाते हैं जिसे “विष योग” कहा जाता है, जो ज्योतिष ग्रंथों में अशुभ माना जाता है। इस योग की स्थिति में जन्मलेख के व्यक्ति को जीवनभर अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं।
शनि, ज्योतिष में एक क्रूर और न्यायप्रिय ग्रह के रूप में जाना जाता है, जबकि चंद्रमा, मन का प्रतिनिधित्व करता है और माँ के साथ जुड़ा होता है। चंद्रमा की स्वभाविकता को चंचल बताया जाता है। जब ये दोनों ग्रह किसी भी तरह का संबंध बनाते हैं, तो विष योग बनता है।
ज्योतिष के अनुसार, यह जन्मपत्र में योग के लिए अनशन फल लाता है। विष योग से प्रभावित व्यक्ति को आसान कामों में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि अगर किसी को घर में कुत्ता बिना किसी कारण के काट लेता हो तो। इस योग की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम है कि ऐसे व्यक्ति को मित्रों और करीबी रिश्तेदारों द्वारा धोखा मिलता है। विष योग वाले व्यक्ति अपने कार्यों को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं, जिससे उन्हें सफलता भी मिलती है, लेकिन उन्हें चिंता और अविश्वास का सामना भी करना पड़ता है।

  • विष योग के प्रभाव

जातक में कई प्रकार का बदलाव होता है, वह सभी को परेशान करने लगता है। परिवार में सुख शांति खत्म हो जाती है।

बच्चे शिक्षा से दूर होने लगते हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगता और वे गलत कामों की ओर अग्रसर होने लगते हैं।

मनुष्य पाप कर्म की ओर बढ़ने लगता है जिसके कारण परिवार, सगे- संबंधी और दोस्त भी साथ छोड़ देते हैं।

जातक के दुश्मन बनने लगते हैं। मनुष्य जीवन से दुखी होकर कई बार घर से जाने की भी ठान लेता है।

  • विष योग से बचने के लिए करें ये उपाय
  1. यदि कुंडली में विष योग हो, तो उन्हें शिवलिंग पर रोजाना जलाभिषेक और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  2. य कुंडली में विष योग बन रहा है, तो सोमवार और शनिवार को भगवान शिव और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, और मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  3. इस दिन, एक नारियल लें और अपने सिर के चारों ओर सात बार घुमाएं। फिर उसे पीपल के पेड़ के नीचे फोड़ें और उसे प्रसाद के रूप में सभी को बांटें।
  4. हर शनिवार को, सुबह और शाम में, एक शनि मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे विष दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

  • विष योग से बचने के लिए करें ये उपाय
  1. यदि कुंडली में विष योग हो, तो उन्हें शिवलिंग पर रोजाना जलाभिषेक और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  2. य कुंडली में विष योग बन रहा है, तो सोमवार और शनिवार को भगवान शिव और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, और मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  3. इस दिन, एक नारियल लें और अपने सिर के चारों ओर सात बार घुमाएं। फिर उसे पीपल के पेड़ के नीचे फोड़ें और उसे प्रसाद के रूप में सभी को बांटें।
  4. हर शनिवार को, सुबह और शाम में, एक शनि मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे विष दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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