कालसर्प दोष कारण और निवारण

कालसर्प दोष व्यक्ति की कुंडली में एक ऐसा दोष है जो विशेषत: बनते हुए कामों में रुकावट पैदा करता है, ऐसे में कई बार व्यक्ति ख़ुद से यह सवाल करता है की मेरी ही कुंडली में ऐसा क्या खोट है जो निरंतर मेहनत के बावजूद भी मुझे कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है और वह अपने भाग्य को निरंतर कोसता रहता है, यह ठीक उसी प्रकार है कि व्यक्ति बहुत से मेडिकल टेस्ट करा ले, दवाइयां और डॉक्टर भी अच्छे से अच्छा बदल लेता है फिर भी बीमारी का पता नहीं चल पाता। 

कालसर्प दोष वास्तव में एक कालिक दोष होता है जो कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। राहु और केतु को क्रमशः उत्तर नोड और दक्षिण नोड के रूप में भी जाने जाते है, और इन्हें वैदिक ज्योतिष में दो छाया ग्रह माना जाता है। यह गंभीर दोष एक विशिष्ट ज्योतिष: विन्यास का वर्णन करता है जहां सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि) राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं।कालसर्प दोष के उपायों को ज्योतिषीय सलाह और विधियों के अनुसार अपनाना चाहिए। ये उपाय व्यक्ति की जन्मकुंडली और दोष के प्रकार पर निर्भर करते हैं। 

कालसर्प दोष के प्रभाव

माना जाता है कि यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पैदा करता है, जिसमें वित्तीय कठिनाइयां, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्ते संबंधी समस्याएं शामिल हैं। काल सर्प दोष के कुछ सामान्य प्रभाव इस प्रकार हैं:

  1. आर्थिक कठिनाइयाँ: कालसर्प दोष के कारण आर्थिक समस्याएं और धन संचय करने में कठिनाइयाँ आती हैं। इस दोष वाले व्यक्तियों को अपनी आय में उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है, और उनका निवेश वांछित परिणाम नहीं देता।
  2. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: काल सर्प दोष एलर्जी, त्वचा रोग और पुरानी बीमारियों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा है। इस दोष वाले व्यक्तियों को दुर्घटनाओं और चोटों का भी खतरा हो सकता है।
  3. रिश्तों की समस्या: कालसर्प दोष के कारण रिश्तों में भी समस्या आ सकती है, जिसमें एक उपयुक्त साथी खोजने में कठिनाई, वैवाहिक कलह और बच्चों के साथ समस्याएं शामिल हैं। परिवार में अकस्मात किसी की मृत्यु भी इसका एक लक्षण हैं। 
  4. करियर में रुकावट: कालसर्प दोष वाले व्यक्तियों को अपने करियर में असफलताओं का सामना करते है, जिसमें नौकरी छूटना, नौकरी खोजने में कठिनाई और कार्यक्षेत्र में असंतुष्टि,  बनते-बनते बिज़नेस डील्स का रुक जाना, कोर्ट केस, झूठा लांछन लग जाना जैसी समस्याएं आती है।
  5. मानसिक तनाव: व्यक्ति को मानसिक तनाव, बेवजह चिंता, अवसाद, अनिद्रा और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। 

ज्योतिष शास्त्र अनुसार जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के आधार पर काल सर्प दोष बारह प्रकार के होते हैं। 

  1. अनंत,  2. कुलिक, 3. वासुकी, 4. शंखपाल, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. तक्षक, 8. कर्कोटक, 9. शंखचूर, 10. घटक, 11. विषधर और 12. शेषनाग। 

उदाहरण के लिए, अनंत काल सर्प दोष वित्तीय समस्याओं और परिवार शुरू करने में कठिनाइयों का कारण बन सकता है, जबकि तक्षक काल सर्प दोष स्वास्थ्य समस्याओं और दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। इसलिए ग्रह स्थिति अनुसार यह जानना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आपकी कुंडली में कौन-सा काल सर्प दोष है ताकि आप उसी अनुसार उसका उपाय भी कर सके।

कालसर्प दोष के कुछ सरल ज्योतिष उपाय

वैदिक ज्योतिष में काल सर्प दोष के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं, जिनमें दान, स्नान, पूजा, मंत्र, रत्न और हवन शामिल हैं। काल सर्प दोष के कुछ सामान्य उपाय इस प्रकार हैं:

  1. महामृत्युंजय मंत्र का जाप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें विनाष और परिवर्तन का देवता माना जाता है।
  2. रुद्राभिषेक : रुद्राभिषेक भगवान शिव को सम्मानित करने के लिए किया जाने वाला एक वैदिक अनुष्ठान है जो जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लाता है।
  3. रत्न धारण : कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण करने से मदद मिलती है। 
  4. नागबली पूजा करना: नागबली पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है जो नागों को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। नागबली पूजा भारत के कुछ विशेष धार्मिक स्थलों पर होती है, जैसे कि हरिद्वार, त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन। इस पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
  5. सांपों को दूध चढ़ाना : शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सांपों को दूध पिलाने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती हैं। ऐसा माना जाता है कि राहु और केतु सांप से जुड़े हुए हैं और उन्हें दूध चढ़ाने से ये दोनों ग्रह प्रसन्न होते हैं।
  6. पूर्वजों की पूजा करना: शास्त्र अनुसार पूर्वजों को भगवान तुल्य मन गया है और ऐसा माना जाता हैकि पूर्वजों में अपने वंशजों को आशीर्वाद देने और उन्हें हानिकारक ग्रहों के प्रभाव से बचाने की शक्ति होती है। पूर्वजों की पूजा करने से कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।

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