
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक नक्षत्र एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसका प्रभाव मानव जीवन पर विशेष रूप से पड़ता है। पंचक नक्षत्र का निर्धारण चंद्रमा की गति और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर किया जाता है। जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से लेकर रेवती नक्षत्र तक स्थित होता है, तब पंचक काल माना जाता है। इस अवधि में कुछ कार्यों को अशुभ और निषेध माना गया है, जबकि कुछ कार्यों को शुभ और लाभकारी भी माना जाता है। पंचक के दौरान किए गए कार्यों का व्यक्ति के जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इसकी सावधानीपूर्वक विवेचना आवश्यक होती है। उचित उपायों और विधानों का पालन कर पंचक दोष से बचा जा सकता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहती है।
पंचक का महत्व और अवधि
पंचक नक्षत्र हर माह लगभग पाँच दिन तक रहता है। यह तब घटित होता है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है। इस दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना जाता है, क्योंकि इन कार्यों के दौरान कोई भी गलती भविष्य में नकारात्मक परिणाम दे सकती है।
पंचक में निषेध कार्य
पंचक के दौरान निम्नलिखित कार्यों को करना वर्जित माना गया है:
- दक्षिण दिशा की यात्रा: पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा अशुभ मानी जाती है। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो हनुमान जी की पूजा करके यात्रा करें।
- मकान, दुकान की छत डालना: मान्यता है कि पंचक में छत डालने से घर में कलह और अशांति बनी रहती है।
- चारपाई और पलंग बुनना: पंचक में पलंग या चारपाई बुनने से परिवार में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु होने का भय रहता है।
- शव दाह संस्कार: पंचक में यदि किसी का अंतिम संस्कार करना पड़े, तो विशेष मंत्रों द्वारा पंचक शांत कराना आवश्यक होता है।
- बाँस की चटाई बनाना और दीवार निर्माण: पंचक में इन कार्यों को करने से धन हानि और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- स्तम्भ निर्माण एवं धातु संचय: पंचक के दौरान स्तम्भ (खंभा) खड़ा करना और ताँबा, पीतल, लकड़ी आदि का भंडारण अशुभ माना जाता है।
पंचक में शुभ कार्य
हालांकि, पंचक का विचार केवल उपरोक्त विशेष कार्यों के लिए किया जाता है। कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें पंचक में करना शुभ माना जाता है:
- विवाह एवं गृह प्रवेश: पंचक में विवाह और गृह प्रवेश करना शुभ माना गया है, क्योंकि यह नक्षत्र संबंधों और स्थायित्व को मजबूत करता है।
- मुंडन संस्कार: पंचक में मुंडन संस्कार करना उचित होता है, विशेषकर जब अन्य ग्रह स्थितियाँ अनुकूल हों।
- वधू प्रवेश और उपनयन संस्कार: इन संस्कारों में पंचक बाधक नहीं होता, बल्कि यह अनुकूल फलदायी माना गया है।
- व्यापार आरंभ: व्यापार आरंभ करने के लिए पंचक का विचार आवश्यक नहीं होता, यदि अन्य मुहूर्त शुभ हों।
पंचक दोष निवारण के उपाय
यदि पंचक में कोई अनिवार्य कार्य करना हो, तो निम्नलिखित उपाय करने से अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है:
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और दक्षिण दिशा की यात्रा से पहले श्री हनुमान जी की पूजा करें।
- गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंदों को दान दें ताकि पंचक के दोष शांत हो सकें।
- यदि अंतिम संस्कार करना हो, तो पाँच पुतलों (पुतलिका) का भी दाह संस्कार करना चाहिए।
- शिव जी और माता लक्ष्मी की आराधना करें और पंचक शांति यज्ञ कराएं।
- गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी पंचक दोष कम हो जाता है।
पंचक 2025 जनवरी (Panchak 2025 January)
- पंचक शुरू- 3 जनवरी 2025, शुक्रवार को सुबह 10:47 बजे
- पंचक खत्म- 7 जनवरी 2025, मंगलवार को शाम 05:50 बजे
पंचक 2025 फरवरी (Panchak 2025 February)
- पंचक शुरू- 30 जनवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 6:35 बजे
- पंचक खत्म- 3 फरवरी 2025, सोमवार को रात 11:16 बजे
पंचक 2025 मार्च (Panchak 2025 March)
- पंचक शुरू- 27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 04:37 बजे
- पंचक खत्म- 3 मार्च 2025, सोमवार को सुबह 6:39 बजे
- पंचक शुरू- 26 मार्च 2025, बुधवार को दोपहर 03:14 बजे
- पंचक खत्म- 30 मार्च 2025, रविवार को शाम 04:35 बजे
पंचक 2025 अप्रैल (Panchak 2025 April)
- पंचक शुरू- 23 अप्रैल 2025, बुधवार को रात 12:31 बजे
- पंचक खत्म- 27 अप्रैल 2025, रविवार को रात 03:39 बजे
पंचक 2025 मई (Panchak 2025 May)
- पंचक शुरू- 20 मई 2025, मंगलवार को सुबह 7:35 बजे
- पंचक खत्म- 24 मई 2025, शनिवार को दोपहर 1:48 बजे
पंचक 2025 जून (Panchak 2025 June)
- पंचक शुरू- 16 जून 2025, सोमवार को दोपहर 1:10 बजे
- पंचक खत्म- 20 जून 2025, शुक्रवार को रात 09:45 बजे
पंचक 2025 जुलाई (Panchak 2025 July)
- पंचक शुरू- 13 जुलाई 2025, रविवार को शाम 6:53 बजे
- पंचक खत्म- 18 जुलाई 2025, शुक्रवार को रात के 03:39 बजे
पंचक 2025 अगस्त (Panchak 2025 August)
- पंचक शुरू- 10 अगस्त 2025, रविवार को रात 02:11 बजे
- पंचक खत्म- 14 अगस्त 2025, बृहस्पतिवार को सुबह 09:06 बजे
पंचक 2025 सितंबर (Panchak 2025 September)
- पंचक शुरू- 6 सितम्बर 2025, शनिवार को सुबह 11:21 बजे
- पंचक खत्म- 10 सितम्बर 2025, बुधवार को शाम 04:03 बजे
पंचक 2025 अक्टूबर (Panchak 2025 October)
- पंचक शुरू- 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को रात 09:27 बजे
- पंचक खत्म- 8 अक्टूबर 2025, बुधवार को रात के 01:28 बजे
पंचक 2025 नवंबर (Panchak 2025 November)
- पंचक शुरू- 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को सुबह 06:48 बजे
- पंचक खत्म- 4 नवम्बर 2025, मंगलवार को दोपहर 12:34 बजे
- पंचक शुरू- 27 नवम्बर 2025, बृहस्पतिवार को दोपहर 2:07 बजे
- पंचक खत्म- 1 दिसम्बर 2025, सोमवार को रात 11:18 बजे
पंचक 2025 दिसंबर (Panchak 2025 December)
- पंचक प्रारंभ- 24 दिसम्बर 2025, बुधवार को रात 07:46 बजे
- पंचक खत्म- 29 दिसम्बर 2025, सोमवार को सुबह 7:41 बजे
पंचक नक्षत्र को लेकर समाज में कई मान्यताएँ हैं। हालाँकि, इसका प्रभाव केवल कुछ विशेष कार्यों पर पड़ता है। सही उपाय और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से पंचक के दोषों से बचा जा सकता है। अगर किसी विशेष कार्य को पंचक के दौरान करना आवश्यक हो, तो उचित विधि से पंचक शांति कराकर कार्य संपन्न किया जा सकता है।