आरती:
Diwali is India’s largest and most popular festival, celebrated with great joy and enthusiasm across almost all communities in the country. This festival is associated with significant events or historical achievements for each community, making it special and inspiring for everyone.
Discover the unique features of this festival of lights, along with Aartis, hymns, mantras, and fascinating stories… Let’s explore through a few clicks!
दिवाली क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
धनतेरस, प्रदोष व्रत
नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी
दिवाली/ लक्ष्मी पूजा
कार्तिक अमावस्या
गोवर्धन पूजा
अन्नकुट
भाई दूज
चित्रगुप्त पूजा
द्यूतक्रीड़ा
आरती:
श्री गणेश आरती
श्री कुबेर आरती
श्री गोवर्धन आरती
श्री विश्वकर्मा आरती
माँ अन्नपूर्णा आरती
श्री रामचन्द्र जी की आरती
कुंजबिहारी जी की आरती
श्री अम्बे जी की आरती
चित्रगुप्त आरती
माँ सरस्वती आरती
ॐ जय जगदीश हरे आरती
लक्ष्मीजी आरती
मंत्र: स्तुति
श्री गणेश – वक्रतुण्ड महाकाय
श्री महालक्ष्मी अष्टक
श्री लक्ष्मी सुक्तम् – ॐ हिरण्यवर्णां हरिणींसुवर्णरजतस्रजाम्
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम
कनकधारा स्तोत्रम्: अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः – श्री लक्ष्मी के 108 नाम
श्री राम स्तुति
स्तुतिः जय चित्रगुप्त यमेश तव
दीप प्रज्वलन मंत्र
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि
दैनिक हवन-यज्ञ विधि
शांति पाठ
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
णमोकार महामंत्र
चालीसा:
श्री कुबेर चालीसा
श्री लक्ष्मी चालीसा
श्री गणेश चालीसा
श्री चित्रगुप्त चालीसा
माँ सरस्वती चालीसा
श्री खाटू श्याम चालीसा
हनुमान चालीसा
भजन:
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन
श्री राम जी की जगमग जगमग जोत जली है
तुम से लागी लगन, पारस प्यारा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
कथा:
भैया दूज पौराणिक कथा
भैया दूज लोक कथा
यम द्वितीया: चित्रगुप्त की कथा
कार्तिक मास माहात्म्य कथा
जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त