नवरात्रि माँ दुर्गा को समर्पित पर्व हैं, इन नौ दिनों के दौरान माँ के विभिन्न रूपों की आराधना करी जाती हैं। हमारी चेतना के अंदर तीनों प्रकार के गुण – सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण व्याप्त हैं। प्रकृति के साथ इसी चेतना के तालमेल के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन 9 दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार प्रत्येक ग्रह माता के किसी न किसी रूप का प्रतिनिधि ग्रह है।
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
कलश को सुख- समृद्धि, ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता हैं। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में शिव, मूल में ब्रह्मा और मध्य में देवी शक्ति का निवास होता हैं। घट स्थापना के दौरान ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियों का इस घाट में आवाहन किया जाता हैं जिससे घर में उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता हैं और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती हैं।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त अक्टूबर 3, 2024, बृहस्पतिवार प्रातः मुहूर्त – 06:15 am – 07:22 am अभिजित मुहूर्त – 11:46 am – 12:33 pm |
नवरात्री में रखें वास्तु नियमो का ध्यान
वही नारी शक्ति के प्रतीक नवरात्र पूजन से वास्तु शांति भी होती है। वास्तुशास्त्र में भी नवरात्र पूजा की महिमा का वर्णन किया गया है। अगर नवरात्र पूजा विधिवत की जाए तो वास्तु के कई दोषों की शांति होती है। वास्तुशास्त्र में भी माता दुर्गा के नौ रूप नौ ग्रहों से संबंध रखते हैं। आशय यह कि प्रत्येक ग्रह माता के किसी न किसी रूप का प्रतिनिधि ग्रह है और प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी दिशा विशेष से है। यह विदित ही है कि वास्तुशास्त्र दिशाओं के ज्ञान और उनके शुभ-अशुभ प्रभावों पर विस्तृत व्याख्या करता है।
- घर के मुख्य द्वार पर आम और अशोक के पत्तो की तोरण / वंधनवार लगाए।
- घटस्थापना ईशान (North-East) कोण में ही करे।
- कलश स्थापित करने के बाद उसे न हिलाए।
- अखंड ज्योति पूर्व दिशा की ओर जलाएं।
नवरात्र में भूलकर भी न करे ये गलतियां
- नवरात्रि में यदि आपने माता की चौकी रखी है और अखंड ज्योत जलाई हैं तो भूल कर भी घर को खाली न छोड़े, घर पर ताला न लगाएं और हमेशा एक व्यक्ति घर पर जरूर रहें।
- नवरात्रि में केवल सात्विक भोजन का ही सेवन करे। इस दौरान मांसाहार भोजन के साथ लहसुन और प्याज का भी त्याग करे।
- इस दौरान बाल-दाढ़ी और नाखून न काटे लेकिन छोटे बच्चों का मुंडन करवा सकते हैं।
- इन नौ दिनों में किसी भी दिन काले रंग का कपड़ा न पहने और साथ ही चमड़े से बनी चीजें जैसे जूते, चप्पल, बैग और बेल्ट इत्यादि का इस्तेमाल भी न करे।
- वैसे तो कभी भी किसी कन्या या नारी का अपमान नहीं करना चाहिए लेकिन नवरात्रि के दिनों में भूलकर भी किसी कन्या को दुःख न दे।
- व्रत रखने वालों को गंदे और बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- नौ दिन तक नींबू न काटे।
- विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोना निषेध है।
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